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हमारे देश में बुध्जिवियो का खासा बड़ा प्रतिशत यह मन लेने को तैयार ही नहीं की तक्नोलोग्य और विज्ञानं की पढाई अंग्रेजी के बिना नहीं हो सकती.ये लोग यह भी तर्क देते है की अल की परिस्तियो में अंग्रेजी से ही देश का तेजी से विकास होगा.इन्ही जैसे लोगो के आगे अंग्रेजी भाषा के बारे में कुछ तथ्य इसप्रकार है. ( १) लगभग ८० देशो में शिक्चा,न्यायिक व्यवस्था,और प्रशासन अर्थव्यवस्था में अंग्रेजी का प्रयोग होता है.इनमे से दो–चार को छोड़ सभी अमेरिका,ब्रिटेन या ऑस्ट्रेलिया के उपनिवेश रहर है.विश्व बैंक,अन्तेर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार य=इनमे मात्र ८ देश विक्सित है तथ्स बाकि ब्संक अविकसित या कह विकासशील की श्रेदी में है, (२)अमेरिका,न्यूजीलैंड कनसा,ब्रिटेन और ऑस्ट्र्कलिय्क जैसे विक्सित देशो में लोग बोलचाल में अंग्रेजी में बात करते है लेकिनिनामे से कोई विक्सित देश अपने यहाँ न्याय,विदेश मामले विज्ञानं और तनिक में यहाँ तक की कोम्पुइतेर की भाषा भी बदलनी बदलनी होजी (३)सभी विक्सित देशो के के बोर्ड वह के स्थानीय भाषा ह०न चाहिव. (४)जापान को दो बार परमदु बूम से धुल में मिला दिया गया ,लेकिन दोनों बार अपने भाषा के माध्यम से ही विश्व की आर्थिक महशक्ति बन केर उभरा (४)चीन में तीन हजार से चार हजार चित्रों का इस्तेमाल लिखने पढ़ने में होता हैजो चीनी न्भाषा का ९०% है,फिर भी ग्रामिद से लेकर उपर तक हर चेत्र में सिर्फ और सिर्फ चीनी भाषा का प्रयोग होता है. (५) पञ्च राष्ट्रों में से एक संयुक्त राज्य अमरीका की अधिकृत भाषा अंग्रेजी नहीं है.यहाँ तक की २२ राज्य भी अंग्रेजी को अधिकारिक भाषा नहीं मानते. (६) कनाडा में अंग्रेजी भाषी और गैरंग्रेजी भाषी लोगो में खुनी दंगे होते है. (७)विवादों से बचने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने कोई आधिकर्त्क भाषा घोषित नहीं की. (८) ब्रिटेन को छोड़ केर कोई योरोपीय देश अंग्रेजी का प्रयोग नहीं करते है.स्केदिन्वियाई देश जिनका मानव विकास सुचांक में उचा स्थान है ,अपने यहाँ शिक्चा,न्याय,आर्थिल,मेडिकल और तक्नीती में अंग्रेजी के स्थान पैर स्थानीय मात्र भाषा का इस्तेमाल करते है, (९) सनुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाओ में सिर्फ अंग्रेजी नहीं है बल्कि ५ भाषाए और है जो सूक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाओ में शामिल क्या गया .है.
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